Thursday, February 12, 2009

प्रेम दिवस पर.....



इन्द्रधनुष नहीं मेरा प्यार
जो सिर्फ़ बारिश में खिले

मोती भी नहीं मोहब्बत मेरी
जो मिले गहरे पानी तले

चाँद भी नहीं प्यार मेरा
नज़र आए बस्स साँझ ढले

मेरा प्यार तो है हवा सरीखा
हर पल तुम्हें स्पर्श करे.....
और...... तुम्हें पता भी न चले.