ताज्जुब ये कि गुड़ में भी खटाई ढूंढ़ लेता है
वो मेरे हर हुनर में.. कुछ बुराई ढूंढ़ लेता है
मेरे दर्द, मर्ज़, नब्ज़ को … पहचानता तो है
बड़ा जालिम है पर.. कड़वी दवाई ढूंढ़ लेता है
वो 'वो' रहा, मैं 'मैं' रही.. हम 'हम' न हो सके
'मोहब्बत’में भी वो 'अपनी-पराई' ढूंढ़ लेता है
नहीं ऐसा कि उसमें ऐब ही ना हो कोई
‘सिफत’ पर ये .. ‘सफाई’ से ‘सफाई’ ढूंढ़ लेता है
‘कमज़र्फ’ समझूं या कि .. मैं दीवानगी उसकी
वो हर रिश्ते में मेरे .. 'आशनाई' ढूंढ़ लेता है
'फर्द-ए-जुर्म' लिखने को खिलाफ 'अर्चन' के
ज़माने भर की सारी रोशनाई ढूंढ़ लेता है
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1. सिफत : खूबी, Exclusivity, Speciality, Uniqueness
2. कमज़र्फ : संकीर्ण मानसिकता वाला, narrow-
minded, bigoted, prejudiced
3. आशनाई : दोस्ती, गहरे ताल्लुकात friendship, close relationship
4. 'फर्द-ए-जुर्म' : आरोपपत्र, Chargesheet
5. रोशनाई : स्याही, Ink
1 comment:
Very Good. Apan to Kavita Bhul gay
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