Friday, May 27, 2011

झूठ में डूबा हुआ था वो ,,,,,

झूठ में डूबा हुआ था वो सर से पांव तलक
जाने क्यों फिर भी उसपे इतना ऐतबार आया

वो गुमान में रहा कि मुझको कोई इल्म नहीं
इसी नादानी पर तो उसकी हमें प्यार आया

3 comments:

Dr. Santosh Manav said...

badiya hay

Arvind kumar said...

khubsurat......

Anonymous said...

Thought I would comment and say neat theme, did you make it for yourself? It's really awesome!