basss yu.n hi kabhi jab khud se kuchh kahne ki hulas uthati hai mann me, baat kagaz pe bikhar jaati hai....
मेरा प्यार तो है हवा सरीखाहर पल तुम्हें स्पर्श करे.....और...... तुम्हें पता भी न चले.वाह क्या बात कही है। बहुत खूब।
सात रंग में, रूप तुम्हारा,छिपा हुआ है नया-नया।सावन-भादों मे दिखलाता,रूप अनोखा नया-नया।।सीपों के मोती में पाया,रूप तुम्हारा नया-नया।सागर के तल में है छाया,रूप तुम्हारा नया-नया।।बसा हुआ चन्दा-मामा में,रूप तुम्हारा नया-नया।राज चाँदनी में ही पाया,रूप तुम्हारा नया-नया।।मलयानिल के झोंको में है,रूप तुम्हारा नया-नया।प्रेम-दिवस पर मैं चाहूँगा,रूप तुम्हारा नया-नया।
nice poetry.
.... आज शब्द नहीं है मेरे पास इतने सुंदर Metaphors, Simlis, personification, अलंकार का अदभुत संगम कम देखने को मिलता है ....रंग में डूबी वो फिज़ा हो गयी चंद बाते जो हमारे दरमियाँ हो गयीजिनकी सरगोशियों में एक संगीत थावो हवाए भी हवा हो गयी
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4 comments:
मेरा प्यार तो है हवा सरीखा
हर पल तुम्हें स्पर्श करे.....
और...... तुम्हें पता भी न चले.
वाह क्या बात कही है। बहुत खूब।
सात रंग में, रूप तुम्हारा,
छिपा हुआ है नया-नया।
सावन-भादों मे दिखलाता,
रूप अनोखा नया-नया।।
सीपों के मोती में पाया,
रूप तुम्हारा नया-नया।
सागर के तल में है छाया,
रूप तुम्हारा नया-नया।।
बसा हुआ चन्दा-मामा में,
रूप तुम्हारा नया-नया।
राज चाँदनी में ही पाया,
रूप तुम्हारा नया-नया।।
मलयानिल के झोंको में है,
रूप तुम्हारा नया-नया।
प्रेम-दिवस पर मैं चाहूँगा,
रूप तुम्हारा नया-नया।
nice poetry.
.... आज शब्द नहीं है मेरे पास इतने सुंदर Metaphors, Simlis, personification, अलंकार का अदभुत संगम कम देखने को मिलता है ....
रंग में डूबी वो फिज़ा हो गयी
चंद बाते जो हमारे दरमियाँ हो गयी
जिनकी सरगोशियों में एक संगीत था
वो हवाए भी हवा हो गयी
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