Monday, February 17, 2014

चलो ..आज बंटवारा कर लें



चलो ..आज बंटवारा कर लें
 
यादों का.…  उम्मीदों का
सपनों का.... अफसानों का
वादों का... और बहानों का
चलो ..आज बंटवारा कर लें
 
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चलो ..आज बंटवारा कर लें 
'यादों' का.…  'उम्मीदों' का
 
मीठी 'यादें' बचपन वाली
भंवरे, तितली, कोयल काली 
बारिश का वो छम-छम पानी
अल्हड़पन की सब नादानी
तुम रख लो.....
'उम्मीदों' से हम अपना दामन भर लें
चलो ..आज बंटवारा कर लें
 
 .
चलो ..आज बंटवारा कर लें
'सपनों' का.... 'अफसानों' का
 
'सपनों' की वो दुनिया प्यारी
सपने ही थे पूँजी सारी 
आने वाले कल की  बातें
आँखों में जो काटीं रातें
सब, तुम रख लो.…
'अफ़साने' जो रहे अधूरे हम धर लें
चलो ..आज बंटवारा कर लें
 
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चलो ..आज बंटवारा कर लें
'वादों' का....और 'बहानों' का
 
'वादे', जो केवल वादे थे
नीयत थी... न इरादे थे
बोझ नहीं संभलेगा तुमसे मानो भी
पड़ेगी तुमको फिर दरकार बहानों की
वादों की ये गठरी भारी मैं रख लूं
और... 'बहाने' सब तेरे हिस्से कर लें
चलो ..आज बंटवारा कर लें.

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