Wednesday, March 5, 2014

सबक दिया है..




अहसान तेरा ......कि सबक दिया है
पहले ज़ख्म दिए, फिर नमक दिया है 


मैं दिल से... और तू काम ले दिमाग से
मिजाज़ दोनों को ...खुदा ने फरक दिया है


हैरान हूं ....मैं खुद को पिंजरे में देखकर  
सुना था ..कुदरत ने कहीं फलक दिया है

गुरूर न करना ... बुलंदियों को पाने का  
वक्त ने कितनों को खाक में पटक दिया है  

कोशिशें लाख कीं ....तकदीर को मनाने की
हाथ हर बार मगर उसने फिर झटक दिया है
 

मिली शिकस्त..मगर हौसला नहीं बिखरा 
शुक्र ये कि ...रब ने कलेजा सखत दिया है

तय है.... ख्वाब 'अर्चन' के फीके नहीं होंगे  

रंग-ए-उल्फत मेरे महबूब ने चटख दिया है

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