Thursday, March 20, 2014

चुनावी पहेली

पहचान कौन 

1.

मोदी-मोदी ....शोर से मुन्ना है बेचैन
सबसे ऊंची कुर्सी पर कबसे अटके नैन
कबसे अटके नैन, न कोई रस्ता सूझे
पॉलिटिक्स है अजब पहेली कैसे बूझे

इससे तो बेहतर थी मम्मी जी की गोदी
वर्ना सपनों में भी चैन कहाँ देता है मोदी


2.
बात समर्थन की सुनकर मन मा बाजी झांझ
रैली मा पहुंचे नहीं अन्ना हुई गयी सांझ     

अन्ना हुई गयी सांझ हाय ये कैसा झटका
भाषण सुनने को भी कोई पास न फटका

अभी उगा भी न था सूरज, आई काली रात
कैसे कैसे सपन दिखाए अन्ना जी की बात

3.
ज़िम्मेदारी देश की लेने को तैयार
चली नहीं दो माह भी दिल्ली में सरकार     

दिल्ली में सरकार, सभी को चोर बताते
अपने ही लोगों से लेकिन झटके खाते     

इनको भी है राजनीति की लगी बीमारी
पेट भरा हो तभी निभेगी ज़िम्मेदारी


4.
'विकास पुरुष' के नाम पर मांग रहे हैं वोट
कहने वाले कह रहे..... है इनमें भी खोट 

है इनमें भी खोट, पड़ रहे फिर भी भारी
कमल खिलाने की इन पे है ज़िम्मेदारी    

पीछा छोड़े लेकिन कैसे इनका वो इतिहास
दंगों की कालिख के आगे फीका हुआ विकास



5.
यूपी की पॉलिटिक्स में है हाथी का जोर
खड़ा -खड़ा चुपचाप वो देख रहा चहुँओर     

देख रहा चहुँ ओर कि पहले आने दो परिणाम
साथ उसी के हो लेंगे ..जो दे ऊंचे दाम   
   
गिरगिट जैसा रंग बदलेगा हर बहुरूपी          
देश की सत्ता का ताला खोलेगा यूपी


6.

साथ हमारा छूटेगा ना, कुछ भी बोलें लोग 
कोई कहे इसको बेशर्मी कोई बताये रोग  


कोई बताये रोग 'अमर' है अपनी जोड़ी
क्या कर पायेगी अपना ये उम्र निगोड़ी 

'जय' होगी हर खेल में बनेगी अपनी बात 
कूदें किसी भी ताल में, कूदेंगे हम साथ
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